Solar and Lunar Eclipses Hindi | सूर्य और चंद्र ग्रहण
नमस्कार दोस्तों studyknown ब्लॉग पर आपसभी का स्वागत है। दोस्तों आजके ब्लॉग पोस्ट में हम Solar and Lunar Eclipses बारे में जानेंगे। और, इसके साथ पृथ्वी पर ज्वार भाटा क्यों आते है? इसे भी आसान तरीके से समझने की कोशिश करेंगे। दोस्तों हमारे पास तीन पिंड है, जैसे सूर्य, चन्द्रमा एवं पृथ्वी। और, यह तीनो पिंड जबतक एक लाइन में नही हों तबतक ग्रहण की स्थिति नही बनेगी। और, यह स्थिति जब पैदा होती है तक यह परिस्थिति को ग्रहण कहलाता है।
और, Eclipse यानि ग्रहण दो प्रकार के होते है, एक सूर्य ग्रहण और दूसरा चन्द्र ग्रहण। और, जैसा की हम जानते है की पृथ्वी अपने निश्चित रूप से (certainly) सूर्य की परिक्रमा करती है। और, चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करती है। लेकिन सूर्य अपने स्थान पर स्थित रहता है।
Solar Eclipse|सूर्य ग्रहण|Chapter Solar and Lunar Eclipses
- चलिए दोस्तों Solar and Lunar Eclipses की पोस्ट में,
- सूर्य ग्रहण कैसे होते है चलिए जानते है।
- देखा जाये तो सूर्य ग्रहण में सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक लाइन पर रहती है।
- और, तब ग्रहण की स्थिति बनती है।
- क्यों की सूर्य की प्रकश जब पृथ्वी की और जाती है,
- तब बिच में चन्द्रमा आता है,
- और, चन्द्रमा की छाया सूर्य की कुछ हिस्से पर पड़ती है,
- जिसके कारन सूर्य की कुछ हिस्से को दिखाई नही देती है,
- और, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहलाता है।
- अर्थात, सूर्य और पृथ्वी के बिच जब चन्द्रमा आती है, तब सूर्य ग्रहण होता है।
- तथा, सूर्य ग्रहण की घटना अमबस्या के दिन ही गठित होती है।
इन्हे भी पड़े – Rotation of the Earth
In Lunar shadowing the Sun, Earth, and Moon are in a line
- चंद्र ग्रहण यानि Lunar Eclipse में सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा जब एक लाइन पर रहती है,
- तब चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है।
- क्यों की सूर्य की प्रकाश जब चन्द्रमा की और जाती है,
- तब बिच में पृथ्वी आता है,
- और, इसी कारन के बजह से पृथ्वी की छाया जब चन्द्रमा पर पड़ती है,
- तब चन्द्रमा की कुछ हिस्से को दिखाई नही देती है,
- और, इसी घटना को चन्द्र ग्रहण कहलाता है।
- अर्थात, सूर्य और चन्द्रमा के बिच में जब पृथ्वी आता है, तब चंद्र ग्रहण होता है।
- तथा, चंद्र ग्रहण की घटना पूर्णिमा के ही दिन गठित होती है।
Most Important, Points and facts about Solar Eclipse
- सूर्य ग्रहण में एक होता है, पूर्ण सूर्य ग्रहण,
- और, एक होता है आंशिक सूर्य ग्रहण।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण जब होता है उसमे सूर्य का मध्य भाग दिखाई नहीं देता है,
- केबल सिर्फ सूर्य की किनारे ही दिखाई देती है,
- तो, उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है।
- और, सूर्य की किनारे की जो रोशनीदार कुछ क्षेत्र दिखाई देती है,
- उसे कोरोना कहा जाता है।
- तथा, सूर्य की इसी चमकदार क्षेत्र की घटना को Diamond Ring की घटना भी कहा जाता है।
- और, सूर्य ग्रहण में जब सूर्य की कुछ हिस्से को दिखाई देती है,
- तो, उसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
- तथा, सूर्य ग्रहण की समय हानिकारक किरण निकलती है,
- जो आखो के लिए काफी खाराव होती है,
- इसलिए सूर्य ग्रहण को खाली आखो से देखना उचित नही होता है।
Tidal Situation due to Lunar Eclipse
- ज्वार-भाटा की स्थिति सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा के प्रभाव के कारन उत्पन्न होती है।
- ज्वार भाटा में पृथ्वी पर मजुत सागरों पर जल का बहाव ऊपर उठने को ज्वार कहते है।
- और, सागरों पर जल की बहाव को नीचे जाने को भाटा कहते है।
- दोस्तों, हमारी पृथ्वी को सूर्य एक आकर्षण शक्ति की तरह अपनी ओर खींचती है।
- और, इसी तरह से चन्द्रमा भी पृथ्वी से जल को अपनी ओर खींचने की कार्य करती है।
- और, यह स्थिति तभी पैदा होती है, जब चंद्र ग्रहण होता है।
- क्यों की चन्द्र ग्रहण में सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक लाइन पर होती है।
- तब, पृथ्वी से सूर्य भी जल को दूर तक खीचती है।
- और, चन्द्रमा भी पृथ्वी से जल को दूर तक खींचने की क्रिया को करती है।
- और, उस समय पृथ्वी पर मजुत जल स्तर का ऊपर उठना,
- तथा, जल स्तर का निचे जाना, ज्वार भाटा को दर्शाता है।
Tidal Situation due to Solar Eclipse
- दोस्तों चन्द्र ग्रहण की तरह सूर्य ग्रहण में भी ज्वार-भाटा की स्थिति पैदा होती है।
- उस समय सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक लाइन पर होती है।
- तब सूर्य और चन्द्रमा की संयुक्त आकर्षण की शक्ति पृथ्वी पर लगती है।
- और, इसकी फलस्वरूप पृथ्वी पर ज्वार भाटा की स्थिति उत्पन्न होती है।
- तथा, इसी जोयार भाटा को बृहत् जोयार भाटा भी कहा जाता है।
- और, जब सूर्य और चन्द्रमा एक साथ अपनी ओर पृथ्वी से जल को खींचती है,
- तब पानी किसी भी ओर अधिक नही ऊठ पाता है,
- और, उस दिन लघु ज्वार भाटा की स्थिति पैदा होती है।
- और, यह घटना सप्तमी तथा अस्टमी के दिन को घटती है।
Due to tide ebb in the Oceans
- महासागरो में ज्वार भाटा इसलिए आते है,
- क्यों की सूर्य की आकर्षण के कारन जल का ऊपर उठना तथा जल का नीचे जाना,
- और, चन्द्रमा की आकर्षण के कारन भी जल का ऊपर उठना तथा जल का नीचे जाना,
- और, सूर्य तथा चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी के प्रतिकर्षण के कारन ही,
- पृथ्वी अपने Axis पर घूमते हुए जल को बहार की तरफ धक्का देती है,
- और, उसी समय ज्वार भाटा की स्थिति पैदा होती है।
The attraction, of the Moon and the repulsion of the Earth
- दोस्तों पृथ्वी जब समान्न स्थिति में रहती है,
- यानि पृथ्वी पर जब कोइ ग्रहण की स्थिति पैदा न होती है,
- तब दो घटना काम करती है।
- एक चन्द्रमा की आकर्षण ओर दूसरा पृथ्वी की प्रतिकर्षण।
- तब महासागरों में जल का बहाव दो बार उठता है, एवं दो बार घटता है।
- और, जल का बहाव उठने पर उसे ज्वार कहते है।
- और, जल का बहाव घटने पर उसे भाटा कहते है।
- इसके इलावा, एक ज्वार से एक भाटा को होने में 6 घंटे 13 minutes का समय लगता है।
- और, फिर से एक भाटा से एक ज्वार होने में 6 घंटे 13 minutes का समय लगता है।
- इसी तरह, फिर से एक ज्वार से एक भाटा होने में 6 घंटे 13 minutes का वक्त लगता है।
- और, लगातार फिर से भाटा से ज्वार होने में 6 घंटे 13 minutes का समय लगता है।
- इसी तरह प्रतिदिन 24 घंटे में दो बार ज्वार ओर दो बार भाटा होती है।
- अर्थात, एक दिन में चार बार ज्वार भाटा की स्थिति पैदा होती है।
- देखा जाये तो, दो ज्वार के मध्य का अंतर 12.26 घंटे का होता है।
Some Important Points about Tidal ebb
- England में Southampton जगह पर प्रतिदिन चार ज्वार ओर चार भाटा आते है।
- क्यों की वहा समुंदर तट दो ज़मीनी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है,
- जिसके कारन एक क्षेत्र से दो बार ज्वार भाटा,
- और, एक क्षेत्र से दो बार ज्वार भाटा की स्थिति पैदा होती है।
- तथा, एक ज्वार प्रतिदिन जो आता है, वह पृथ्वी के प्रतिकर्षण के कारन आता है।
- और, दूसरा ज्वार जो आता है, वह चन्द्रमा के आकर्षण के कारन आता है।
- और, सूर्य की तुलना में चन्द्रमा पृथ्वी पे ज्यादा ज्वार पैदा करती है।
- क्यों की सूर्य पृथ्वी से ज्यादा दुरी पर स्थित है।
- और, चन्द्रमा पृथ्वी से ज्यादा नज़दीक होने के कारन ही,
- ज्वार पैदा करने में चन्द्रमा की शक्ति सूर्य से ज्यादा होती है।
दोस्तों उम्मीद करता हूँ Solar and Lunar Eclipses की यह पोस्ट आपसभी को अच्छा लगा हो। यदि यह पोस्ट आपसभी को पसंद आया है तो कृपया इन पोस्ट को Facebook, twitter, pinterest और Instagram जैसे Social Sites पर share करे। और यह पोस्ट पड़ने के लिए आपसभी का धन्यवाद।