Jallianwala Bagh Massacre Hindi|जलियाँवाला बाग हत्याकांड
नमस्कार दोस्तों studyknown ब्लॉग पर आपसभी का स्वागत है। दोस्तों आजके यह post में हम 13 April 1919 में हुई Jallianwala Bagh Massacre के बारे में जानेंगे। दोस्तों यह हत्याकांड (Massacre) भारत में पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियाँवाला बाग में संघटित हुआ था। और, यह हत्याकांड के कारन यही था की Rowlatt Act के विरोध में Jallianwala Bagh में एक सभा का आयोजित किया गया था। और, हर परिस्थिति में ब्रिटिश सरकार यह विरोध को कुचलना चाहती थी, जिसके लिए ब्रिटिश सरकार कुछ भी करने के लिए तैयार थी।
इसीलिए ब्रिटिश सरकार के जनरल Michael O Dyer नामक एक अँग्रेज ऑफिसर ने अपने 90 ब्रिटिश सैनिकों को के साथ जलियाँवाला बाग को चारों ओर से घेर कर बिना कोई चेतावनी दिए, हो रहे सभा में उपस्थित बेगुनाह लोगो के ऊपर अकारण गोलियाँ चलवा दीं, जिसमे 1200 से अधिक व्यक्ति मारा गया और 2000 से अधिक घायल हुए थे। और, इस घटना को Jallianwala Bagh Massacre के नाम से जाना जाता है। जिसके पश्चात ब्रिटिश सरकार के ऊपर कड़ी निंदा हुई थी। और, इस हत्याकांड में भारी मात्रा में पुरुष, नाबालिग लड़के, महिलाए और छोटे बच्चे मारे गए थे।
What caused the Jallianwala Bagh massacre in Punjab?
- प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के समयकाल में पंजाब के क्षेत्र में ब्रिटिशों का विरोध कुछ अधिक बढ़ गया था।
- इसीलिए ब्रिटिश सरकार ने Defense of India Act 1915 को लागू कर इस विरोध को समाप्त कर दिया गया था।
- उसके बाद भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आन्दोलन को कुचलने की उद्देश्य से ब्रिटिश सरकार द्वारा Rowlatt Act को लाया गया था।
- और, 1917 में Sir Sidney Rowlatt की अध्यक्षता वाली ‘सेडिशन समिति’ की शिफारिशों के आधार पर,
- 1919 में Rowlatt Act को बनाया गया था,
- और, रॉलेट एक्ट के समय भारत का Viceroy Lord Chemsford था।
- और, इस समिति के सुझावों के अनुसार Defense of India Act 1915 को लागू कर,
- 26 जनवरी, 1919 को Rowlatt Act की स्थापना कर दिया गया था।
- और, इस Act में अपराधी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने वाले का नाम जानने का अधिकार,
- इस कानून द्वारा समाप्त कर दिया गया था।
- और, ब्रिटिश सरकार को रॉलेट एक्ट के द्वारा अपने आधीन में कई अधिकार मिल गया था।
- जिसमे, ब्रिटिश सरकार द्वारा किसी भी भारतीय के ऊपर बिना मुकदमा चलाए उन्हें जेल में बंद करना,
- तथा, अदालत में फैसले के बाद किसी भी उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार भी समाप्त कर देना।
- और, ”प्रेस” की स्वतंत्रता का अधिकार छीन लेना जैसे नियम शामिल था।
- देखा जाये तो यह कानून बास्तव में भारतीयों की राष्ट्रीय आंदोलन को समाप्त करने का एक परियोजना था।
- इसीलिए यह Rowlatt Act की विरोध में पंजाब में जलियाँवाला बाग में एक सभा का आयोजन किया गया था।
- और, जिसमे ब्रिटिश सरकार की बजह से यह Jallianwala Bagh massacre की घटना संघटित हुआ था।
Description of this Carnage
- Jallianwala Bagh massacre का घटना जिस दिन हुआ था वह बैसाखी का दिन था।
- उस दिन Rowlatt Act की विरोध की बजह से शहर में Curfew लगा हुआ था,
- और, कुछ नेता जलियाँवाला बाग में इस Act के विरोध में भाषण दे रहे थे।
- तथा, Curfew के बाबजुत भी भरी मात्रा में लोगो ने बैसाखी में निकले थे।
- और, मौके पर परिवार के साथ मेला देखने और शहर घूमने आए थे।
- लोगो ने जलियाँवाला बाग में सभा की खबर सुन कर उस सभा को देखने और सुनने के लिए जा पहुंचे थे।
- तभी, ब्रिगेडियर जनरल Michael O Dyer ने बाग को अपने ब्रिटिश सैनिकों द्वारा घेर लिया था।
- और, सभी सैनिकों के पास भरी हुई राइफलें थीं।
- तथा, नेताओं ने सैनिकों को देखा, तो उन्होंने वहां मौजूद लोगों से शांत बैठे रहने के लिए कहा।
- और, बिना कोई चेतावनी दिए Michael O Dyer ने निहत्थे लोगों पर गोलियाँ चलानी शुरु कर दीं।
- लगभग 10 मिनट में कुल 1650 राउंड गोलियां चलाई गईं थी।
- और, भारी मात्रा में पुरुष, महिलाए, युवा और बच्चे मारे गये थे।
- और, जलियाँवाला बाग के मकानों के पीछे एक बड़ा मैदान था।
- जहा पे आने और बहार निकलने की एक ही रास्ते थे।
- जिसके कारन भागने का कोई रास्ता नहीं था।
- और, कुछ लोग जान बचाने के लिए मैदान में मौजूद एकमात्र कुएं में कूद गए थे।
- तथा, देखते ही देखते वह कुआं भी लाशों से लतपट हो गया था।
- अनाधिकारिक आँकड़ों के अनुसार 1000 से अधिक लोग मारे गए और 2000 से अधिक घायल हुए थे।
- और, यही एक घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था।
- तथा, यह जघन्य हत्याकाण्ड भारत में ब्रिटिश शासन के अंत की शुरुआत बन गई थी।
Jallianwala Bagh massacre investigation
- पंजाब के Jallianwala Bagh में जनरल डायर द्वारा यह massacre होने के बाद,
- जनरल डायर ने अमृतसर और अन्य क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने की मांग ब्रिटिश सरकार को की थी,
- जिसके चलते Viceroy Lord Chelmsford ने मार्शल लॉ को स्वीकृत कर दिया था।
- लेकिन इस हत्याकांड के लिए भारत समेत पुरे विश्वव्यापी में ब्यापक निंदा हुई थी।
- जिसके दबाव में भारत के लिए Secretary of State Edwin Montague ने,
- 1919 के अंत में इसकी जाँच के लिए Hunter Commission को नियुक्त किया था।
- और, इस कमीशन की जाँच के बाद जनरल डायर ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया था।
- जनरल डायर ने माना था की गोली चला कर लोगों को मारने का निर्णय पहले से ही ले लिया गया था।
- इसके बाद Hunter Commission की रिपोर्ट 1920 में आने के वाद,
- जनरल Michael O Dyer को निलंबित कर दिया गया था।
- और, ख़राब स्वास्थ्य होने के कारन जनरल डायर को ब्रिटेन भेज दिया गया था।
- दोस्तों जलियांवाला बाग में जब यह घटना हुई थी, तो,
- उस समय सरदार उधमसिंह जी वहीं मौजूद थे और उन्हें भी गोली लगी थी।
- सरदार उधमसिंह जी एक महान स्वतन्त्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे,
- और, उन्होंने इसका बदला लेने का निर्णय लिया था।
- इसीलिए 13 मार्च 1940 को उधमसिंह जी ने London के Caxton Hall में,
- Michael O Dwyer को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
- और, 31 जुलाई 1940 को O Dwyer को मारने की जुर्म में उधमसिंह जी को फाँसी दे दिया गया था।
Some important information about the Jallianwala Bagh massacre
- Jallianwala Bagh massacre के चार साल पहले महात्मा गाँधी जी South Africa से भारत लोट आये थे।
- और, भारत में हो रहे ब्रिटिश द्वारा अत्याचारों के बदलते स्थिति को मजबूत करने के लिए,
- गाँधी जी ने अंग्रेजो के विरुद्ध में आन्दोलन करना शुरू कर दिया था।
- और, उनके द्वारा किया गया चंपारण, खेड़ा एवं अहमदाबाद की आन्दोलनो में सफलता के कारन,
- उन्होंने रॉलेट एक्ट के विरोध में आन्दोलन करने का निश्चय किया था।
- और, देखते ही देखते यह आन्दोलन पुरे देश भर में फेल गई थी,
- तथा, बड़े पैमाने पर गाँधी जी को ‘होमरूल लीग’ के सदस्यों का भी समर्थन मिला था।
- लेकिन, इस आन्दोलन में हड़ताल के दौरान दिल्ली और इसके आसपास के इलाके में भारी मात्रा में हिंसा हुई थी।
- और, महात्मा गाँधी जी ‘सत्य’ और ‘अहिंसा’ को मानते थे और ‘हिंसा’ में विस्वास नहीं रखते थे।
- इसीलिए गाँधी जी ने रॉलेट एक्ट की विरोध में अपने आन्दोलन को बापस ले लिया था।
- और, इसी रॉलेट एक्ट के विरोध में ही जलियाँवाला बाग में एक सभा का आयोजन किया गया था।
- जिसके फलस्वरूप यह हत्याकांड की घटना गठित हुई थी।
- तथा, Jallianwala Bagh massacre के विरोध में गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर जी ने भी,
- ब्रिटिश सरकार से मिली Knighthood उपाधि को वापस कर दिया था।
- तथा, यह हत्याकांड भगत सिंह की सोच पर भी गहरा प्रभाव डाला था।
- और, भगत सिंह ने अपने स्कूल से 12 मील पैदल चलकर जलियाँवाला बाग देखने पहुंचे थे।
- इसीलिए बारह साल की उमर से ही भगत सिंह ने देश की स्वतन्त्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी बनने का संकल्प लिया था।
Conclusion of Summary
- दोस्तों अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में Jallianwala Bagh massacre के 484 शहीदों की सूची है।
- जबकि Jallianwala Bagh में कुल 388 शहीदों की सूची है।
- और, 1997 में महारानी Elizabeth ने इस स्मारक पर मृतकों को श्रद्धांजलि दी थी।
- तथा, 2013 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री David Cameron भी इस स्मारक पर आए थे।
- और, उन्होंने Visitors book में लिखा था, की जलियाँवाला बाग की घटना ब्रिटिश इतिहास में शर्मनाक थी।
- इसके साथ भारत सरकार द्वारा दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में,
- यह जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक,2019 को पारित करते हुए,
- केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा जलियाँवाला बाग की 2019 में 100 साल पुरे होने के बाद,
- इसे एक राष्ट्रीय स्मारक के तोर पर राजनीति से मुक्त करना चाहते हैं।
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