Quit India Movement 1942 Hindi | भारत छोड़ो आन्दोलन
नमस्कार दोस्तों studyknown ब्लॉग पर आपसभी का स्वागत है। दोस्तों आजके ब्लॉग पोस्ट पर हम Modern History के chapter से जुड़ी स्वतंत्रता आन्दोलन के सबसे चर्चित विषय भारत छोड़ो आन्दोलन के बारे में जानेंगे, यानि जिसे Quit India Movement के नाम से भी जाना जाता है। और, यह भारत छोड़ो आन्दोलन, 9 अगस्त 1942 को द्वितीय विश्वयुद्ध के समय आरम्भ होने वाला भारत का द्वितीय स्वतंत्रता आन्दोलन था। तथा,
यह आन्दोलन को महात्मा गाँधी जी की द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की अधिवेशन में मुम्बई से शुरू किया गया था। और, यह भारत छोड़ो सबसे महत्वपूर्ण आन्दोलन इसीलिए था क्यों की भारत से अंग्रेजी सरकार की सत्ता को हमेशा के लिए समाप्त करने का लक्ष्य यह आन्दोलन के द्वारा किया गया था।
Quit India movement due to rise
- दोस्तों भारत छोड़ो आन्दोलन को ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है।
- और, यह आन्दोलन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1925 में हुई काकोरी काण्ड के ठीक,
- 17 साल बाद यानि 1942 में किया गया और एक जन आन्दोलन था।
- और, भारत में क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद यह आन्दोलन का उदय हुआ था।
- क्यों की द्वितीय विश्व युद्ध चलने के दौरान ब्रिटिश सरकार क्रिप्स मिशन के द्वारा,
- भारतीयों का सहयोग प्राप्त करना चाहती थी।
- हालाँकि भारतीय नेताओं, मुख्यतः कांग्रेस व मुस्लिम लीग ने,
- इस मिशन का सहयोग नहीं किया था।
- जिसके कारन भारत में क्रिप्स मिशन का प्रयास असफल रहा था।
- दोस्तों अब बात यह है की क्या था यह क्रिप्स मिशन?
- और, यह मिशन को भारत में आने की ज़रूरत क्या थी?
- चलिए इसे जानने तथा समझने की कोशिश करते है।
Note: पूरे देश में प्रतिवर्ष 9 अगस्त को “काकोरी काण्ड स्मृति-दिवस” के रूप में मनाने की परम्परा भगत सिंह ने प्रारम्भ थी और इस दिन बहुत बड़ी संख्या में नौजवान एकत्रित होते थे।
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Cripps Mission | क्रिप्स मिशन
- 1942 के मार्च महीने में द्वितीय विश्व युद्ध के समय,
- भारतीयों का सहयोग प्राप्त करने के लिए,
- लेबर पार्टी से सम्बंधित स्टैफ़ोर्ड क्रिप्स एक मिशन के साथ भारत आये थे।
- और, वे इस मिशन का अध्यक्ष होने के कारन,
- इस मिशन को क्रिप्स मिशन के नाम से भी जाना जाता है।
- भारत में क्रिप्स का उद्देश्य यही था की द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के उपरांत,
- भारत में चुनाव करना तथा औपनिवेशिक का दर्जा प्रदान करना,
- जिसके कारन युद्ध काल में भारतीयों का सहयोग प्राप्त हो सके।
- लेकिन, उस समय के तात्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल इसके एकदम विरुद्ध में थे।
- और, यह क्रिप्स प्रस्ताव ब्रिटेन के लेबर पार्टी के सौजन्य से भेजा गया था।
- जिसका मानना था की भारतीयों को स्वशासन का अधिकार होना चाहिए।
- इसीलिए क्रिप्स ने भारतीय नेताओं के साथ मुलाकात के बाद एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
- लेकिन, कांग्रेस व मुस्लिम लीग दोनों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया था।
- और, गाँधी जी तथा अन्य दलों के नेताओं ने इस क्रिप्स प्रस्ताव के प्रति,
- दिवालिया बैंक के नाम आगामी तारीख का चेक, कहकर सम्बोधित किया था।
- क्यों की अंग्रेज सरकार द्वारा भारतीयों को बार बार धोका दिए जाने के कारन,
- इस बार क्रिप्स मिशन को अंग्रेज सरकार द्वारा,
- और एक सोची समझी रणनीति मान कर,
- भारतीयों ने इसे मानने से इंकार कर दिया था।
- क्यों की भारत के लोग अब जान गए थे की,
- अंग्रेज सरकार भारत को छोड़ना नहीं चाहते थे।
- और, यह क्रिप्स प्रस्ताव की असफल होने के बाद ही,
- कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन को छेड़ दिया था।
भारत छोड़ो आन्दोलन का परिणाम | Quit India Movement Result
- दोस्तों मुम्बई (बम्बई) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अधिवेशन में,
- इस आन्दोलन को ”भारत छोड़ो” का नाम दिया गया था।
- और, यह नारा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के अग्रणी नेता युसुफ मेहर अली ने दिया था।
- और, 9 अगस्त 1942 में प्रारंभ हुई यह आन्दोलन के साथ,
- गाँधी जी ने सभी भारतीयों को “करो या मरो” का नारा दिया था।
- हालांकि गाँधी जी को अंग्रेजो द्वारा फ़ौरन गिरफ़्तार कर लिया गया था।
- इसके साथ कांग्रेस के सभी बड़े नेताओ को भी जेल में दाल दिया गया था।
- लेकिन, पुरे देश भर में युवा कार्यकर्ता द्वारा,
- हड़तालों और आक्रामक कार्रवाइयों के जरिए,
- यह आन्दोलन को पुरे ज़ोर से जारी रखा गया था।
- और, कांग्रेस में जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी सदस्य भी,
- इस आन्दोलन में भूमिगत प्रतिरोधि गतिविधियों में सक्रिय रहे थे।
- तथा, पश्चिम में सतारा और पूर्व में मेदिनीपुर जैसे कई जिलों में भी,
- स्वतंत्र सरकार एवं प्रतिसरकार की स्थापना कर दी गई थी।
- इसके साथ भारत छोड़ो आन्दोलन ने,
- युवाओं को भी बड़ी संख्या में आकर्षित किया था।
- जिसके लिए सभी युवाओं ने इस आन्दोलन में,
- अपने कॉलेजो को छोड़कर जेल का रास्ता अपनाया था।
- तथा, अंग्रेज सरकार को भी इस विद्रोह को दबाने में,
- साल भर से भी ज्यादा समय का वक़्त लग गया।
Arrest of leaders | नेताओं के गिरफ़्तारी
- दोस्तों 9 अगस्त 1942 के दिन निकलने से पहले ही,
- कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्य को,
- अंग्रेज सरकार द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
- जिसमे गाँधी जी समेत कई नेताओं,
- तथा, कोकिला सरोजिनी नायडू भी शामिल थी।
- और, उन सभी को पुणे के येरावाड़ा मे स्थित,
- आगा खान पैलेस में बंदी बना कर रखा गया था।
- और, अंग्रेज सरकार द्वारा काँग्रेस पार्टी को,
- गैरकानूनी संस्था के रूप में घोषित कर दिया गया था।
- इसके साथ डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद को पटना जेल में रखा गया था।
- तथा, अन्य सभी सदस्यों को अहमदनगर के किले में नजरबन्द किया गया था।
- और, इस आन्दोलन में लगभग 940 लोग मारे गये थे,
- तथा, 1630 के आसपास घायल हुए एवं 50000 से अधिक गिरफ्तार हुए थे।
Status from 1942 to 1945 |1942 से 1945 की स्थिति
- भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान 1942 में कांग्रेस के लगभग सभी नेता जेल में थे,
- और, उसी समय जिन्ना एवं मुस्लिम लीग ने अपने प्रभाव को,
- पंजाब और सिंध के क्षेत्र में विस्तार कर लिया था।
- और, अपने पहचान को भी काफी मज़बूत बनाया था।
- और, जून 1944 में जब द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की ओर बड़ रहा था तो,
- उस समय महात्मा गाँधी जी को भी आगा खान पैलेस से रिहा कर दिया गया था।
- और, पैलेस से निकलने के बाद ही गाँधी जी ने मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच में,
- फ़ासले को कम करने के लिए जिन्ना के साथ कई बार बात भी की थी।
- लेकिन, इसमें गाँधी जी को कोई सफलता नहीं मिली थी।
- क्यों की गाँधी जी हिन्दू एवं मुसलिम को एक जुट में भाईचारे के साथ रखना चाहते थे।
- और, 1945 में ब्रिटेन में जब लेबर पार्टी की सरकार बनी थी तो उस समय के,
- यह सरकार ने भारतीयो को स्वतंत्रता दिलाने के पक्ष में थी।
- जिसके कारन वायसराय लॉर्ड वावेल ने कांग्रेस और मुस्लिम लीग के,
- प्रतिनिधियों के बीच में कई बैठकों का आयोजन भी किया था।
Status after Cabinet Mission plan failed
- 1946 के शुरुआती साल में भारत में अंग्रेज सरकार द्वारा,
- प्रांतीय विधान मंडलों के लिए नए सिरे से चुनाव कराए गए थे।
- जिसमे सामान्य श्रेणी में कांग्रेस को भारी सफ़लता मिली थी।
- और, आरक्षित सीटों पर मुस्लिम लीग को भी भारी बहुमत प्राप्त हुआ था।
- इसके पश्चात 1946 की गर्मियों में ब्रिटेन से कैबिनेट मिशन भारत आया था।
- और, इस मिशन में कांग्रेस और मुसलिम लीग को,
- एक ऐसी संघीय व्यवस्था पर राज़ी करने का प्रयास किया गया था,
- जिसमे भारत के भीतर विभिन्न प्रांतों को,
- सीमित स्वत्व अधिकार (Autonomy) दी जा सके,
- लेकिन, कैबिनेट मिशन का यह प्रयास विफल हो गया था,
- और, यह मिशन की विफलता के बाद ही,
- जिन्ना ने पाकिस्तान की स्थापना के लिए मुसलिम लीग की,
- मांग के समर्थन में एक प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस का आह्वान कर दिया था।
- और, उसी दिन कलकत्ता से लेकर पंजाब तक पुरे भारत में भारी हिंसा हुई थी,
- जिसमे कुछ जगह पर हिन्दूओं को ओर कुछ जगह पर,
- मुसलमानों को निशाना बनाया गया था।
Conclusion of the Summary
- दोस्तों 1947 के फरवरी महीने में लॉर्ड वावेल की जगह पर,
- वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को नियुक्त किया गया था।
- और, माउंटबेटन ने कैबिनेट मिशन की असफलता के बाद,
- फिर से समझौता करने की कोशिश की थी,
- परन्तु, इस बार उनका प्रयास भी विफ़ल रहा,
- जिसके पश्चात लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत को आज़ादी देने,
- तथा, विभाजन करने का ऐलान कर दिया था।
- और, 15 अगस्त 1947 में भारत को ब्रिटिश से आज़ादी दे दिया गया था।
- लेकिन, यह आज़ादी विभाजन पर आधारित था,
- और, जिसकी कल्पना गाँधी जी ने नहीं किया था।
- और, इसके पश्चात गाँधी जी ने सभी भारतीयो को अपनी अतीत को भुलाकर,
- एक-दूसरे के प्रति भाईचारे का हाथ बढ़ाकर,
- तथा, शांति से रहने के लिए संकल्प लेने को कहा था।
- इसके साथ भारत को लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने,
- तथा, धर्म के आधार पर भेदभाव के बिना सभी को,
- राज्य की ओर से संरक्षण का अधिकार देने का प्रयास किया जाना था।
- और, इसके साथ कांग्रेस ने भी भारत में अल्पसंख्यकों के नागरिक अधिकारों के लिए,
- हर मुमकिन रक्षा करने का आश्वासन दिया था।
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