Sangam period-age-society-literature-Hindi|संगम काल
नमस्कार दोस्तों Sangam Period की यह पोस्ट में आपका स्वागत है। आजके इस पोस्ट में हम Sangam Period के बारे में जानेंगे। प्राचीन भारत में संगम काल के समय दक्षिण भारत पर तीन राजवंशों ने शासन किया था, जिनमे से चेर राजवंश, चोल राजवंश और पाण्ड्य राजवंश प्रमुख थे। और, इन तीनो राजवंश का संगम स्थल ”तिरुक्काम्पुलियर” था। तथा, इसी Sangam Period में दक्षिण भारत में तमिल कवियों का भी समागम हुया था।
Cheras dynasty in The Sangam period/age
- चेर राजवंश का राजधानी वज्जि था।
- और, चेर ने तमिलनाडु का कोंगु क्षेत्र और केरल के मध्य और उत्तरी भाग पर शासन किया था।
- तथा, चेर राजवंश के नियंत्रण में पश्चिमी तट, मुसिरी और टोंडी के बंदरगाह थे।
- और, इस राजवंश के सबसे महान राजा थे शेनगुटटवन।
- जिन्हे (Red Chera) ‘लाल चेर’ के नाम से भी जाना जाता है।
- और, शेनगुटटवन के शासन काल में ही पत्नी पूजा का प्रारम्भ किया गया था।
- जिसे कण्णगी पूजा भी कहा गया है।
- और, चेर साम्राज्य के साथ रोमन साम्राज्य का भी अच्छी व्यापारिक संबंध था।
- जिससे, चेर राजा व्यापार में काफी उन्नति करते थे।
- और, इस राजवंश का राजा शेनगुटटवन पहले भारतीय राजा थे,
- जिन्होंने, दक्षिण भारत से आपने दूत को चीन में भेजा था।
- और, इस साम्राज्य का प्रतीक चिह्न “धनुष-बाण” था।
- तथा, यह साम्राज्य के तीन पीढ़ियों का जानकारी ईसा की पहली शताब्दी में पुगलुर शिलालेख के द्वारा पाई गई है।
The Cholas–चोल राजवंश
- चेर राजवंश वाद चोल राजवंश आए।
- चोल राजवंश का राजधानी था उरैयूर।
- जो, कपास के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था।
- और, यह तिरुचिरापल्ली के पास स्थित था।
- चोलों के शासनकाल में मुख्य क्षेत्र कावेरी डेल्टा था।
- जिसे बाद में ‘चोलमण्डलम’ के नाम से भी जाना जाता था।
- यह साम्राज्य तमिलनाडु का मध्य और उत्तरी भाग का क्षेत्र को नियन्त्रण करता था।
- और, चोल साम्राज्य के सूती कपड़े का मुख्य व्यापार था।
- जिससे धन का उपार्जन होता था।
- इस वंश के महान शासक थे करिकाल।
- जिन्होंने, कावेरीपत्तनम या पुहार नगर की स्थापना की थी।
- और, अपनी राजधानी उरैयूर से कावेरीपत्तनम में स्थानांतरित किया।
- इस साम्राज्य का प्रतीक चिह्न बाघ था।
- इसके साथ यह साम्राज्य के पास एक कुशल नौ-सेना भी था।
- इसके अतिरिक्त, संगमकाल के साहित्य में विभिन्न कविताओं में वेण्णि के युद्ध का उल्लेख मिलता है।
- जिसमें करिकाल ने पाण्ड्य तथा चेर सहित ग्यारह राजाओं को पराजित किया था।
- करिकाल चोल राजाओं में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण शासक था।
- और, करिकाल ने अपने शासनकाल में व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र को भी संपन्न बनाया था।
- इसके इलावा कावेरी नदी के किनारे 160 किमी. लम्बा बांध भी बनवाया था।
- और, पत्तिनप्पालै में उनके जीवनी तथा सैन्य अधिग्रहण को भी दर्शाया गया है।
इन्हे पड़े – Post-mauryan period Hindi
The Pandyas–पाण्ड्य राजवंश
- चोल राजवंश के प्रश्चात पाण्ड्य राजवंश आया।
- पांडे का उल्लेख सबसे पहले मेगस्थनीज ने किया था।
- जिन्होंने कहा था कि पाण्ड्य के राज्य मोती के लिए प्रसिद्ध था।
- पाण्ड्य राजवंश का राज्य भारतीय प्रायद्वीप के सुदूर दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी भाग में था।
- और, पाण्ड्यों ने मदुरै से शासन किया था।
- पाण्ड्य के प्राथमिक राजधानी कोरकई थी।
- जो बंगाल की खाड़ी थम्परपराणी संगम के पास स्थित थी।
- इसके साथ, पाण्ड्योण के शासनकाल में तीन संगमो का भी आयोजित हुआ था।
- और, इसी तीन संगमो का संरक्षण पाण्ड्य राजाओं द्वारा प्रदान किया गया था।
- इसके इलावा, पाण्ड्य राज्य धनी और समृद्धशाली था।
- तथा, पाण्ड्य राजाओं ने नियमित शासन करते हुए अपना वर्चस्त वनाये रक्खा था।
- और, यह साम्राज्य का प्रतीक चिह्न ‘मछली’ थी।
- और, इस राज्य में ब्राह्मणों का काफी प्रभाव था।
- तथा, ईसा के शुरूआती शताब्दियों में पाण्ड्य राजा वैदिक यज्ञ भी किया करते थे।
- लेकिन, समाज में विधवाओं के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था।
- और, नल्लिवकोडन संगम युग का अंतिम ज्ञात पाण्ड्य शासक था।
- इसके बाद, 300 ईस्वी पूर्व से 600 ईस्वी पूर्व के बीच कालभ्रस ने तमिल देश पर कब्ज़ा कर लिया था।
- जिसके साथ, Sangam period धीरे-धीरे पतन की तरफ अग्रसर हो गया था।
- और, इतिहासकारों ने संगमकाल के पहले अवधि को ‘अंतरिम युग’ या ‘अंधकार युग’ कहा है।
Sangam period/age Literature
- Sangam period में दक्षिण भारत का एक प्राचीन इतिहास है।
- संगमकाल को तीसरी और चौथी शताब्दी की अवधि के रूप में भी जाना जाता है।
- तथा, इस शताब्दी में तमिल साहित्य का भी अच्छा प्रभाव था।
- इसलिए इस अवधि को संगम के रूप भी में जाना जाता है।
- संगम तमिल कवियों का समागम था।
- और, यह किसी प्रधान या राजाओं के संरक्षण में ही आयोजित किया जाता था।
- 8 वीं सदी ई. में प्राचीन दक्षिण भारत में तीन संगमों का आयोजन किया गया था।
- इन तीन संगम के नाम थे, प्रमुख संगम, मध्य संगम और अंतिम संगम।
- जिसे ‘मुच्चंगम’ (Muchchangam) के नाम से भी जाना जाता था।
- तथा, इन संगमों को पाण्ड्य राजाओं द्वारा शाही संरक्षण प्रदान किया गया था।
- हालाँकि, पहला संगम पांड्यों की पुरानी राजधानी दस-मदुरै में आयोजित किया गया था।
- जिसमे, देवता और महान संत सम्मिलित हुए थे।
- लेकिन, इस संगम का कोई साहित्यिक ग्रन्थ मौजूद नहीं है।
- इसी तरह, द्वितीय संगम कपाटपुरम् में आयोजित किया गया था।
- जिसका वर्णन तमिल व्याकरण ग्रन्थ ‘तोलकाप्पियम्’ में पाई गई है।
- और, तृतीय संगम उत्तर मदुरै में आयोजित किया गया था।
- लेकिन, इस संगम के अधिकांश ग्रंथ नष्ट हो गए थे।
- जिनमे से कुछ ग्रंथों या महाकाव्यों के रूप में मौजूद है।
Sangam period/age society
- Sangam period में सामाजिक जीवन शैली उत्तर भारत की संस्कृति दक्षिण में प्रसार हुआ था।
- संगमकाल में ही सर्वप्रथम तमिल क्षेत्र में ब्राह्मणों का आगमन हुआ था।
- और, शासक, ब्राह्मण, वणिक तथा किसान जैसे चार वर्ण थे।
- जिसमे ब्राह्मण को अंडनार, किसान को वेलालर, शासक को अरसर तथा वणिक को वेनिगर कहा गया है।
- संगमकाल में शासक वर्ग और धनी कृषक वर्ग को वैल्लाल जाति के रूप में भी जाना जाता था।
- और, वैल्लाल के प्रमुख को वेलिर कहा जाता था।
- तथा, खेतों में काम करने वाले मजदूरों को कडेसियर कहते थे।
- चोल राज्य में धनी कृषकों को ‘वेल’ तथा ‘आरशु’ की उपाधि दी जाती थी।
- और, पाण्ड्य राज्य में इन्हें ‘कविदी’ की उपाधि दी गई थी।
- संगमकाल में उच्च सैनिक वर्गों में सती प्रथा का प्रचलन था।
- इसके इलावा, दास प्रथा भी प्रचलित था।
- और, इसी अवधि में जाति प्रथा का आधार व्यवसाय था।
- इसी काल में अन्तरजातीय विवाह भी प्रचलित था।
Sangam period/age Economy
- Sangam period में ‘उरैयूर’ सूती वस्त्र उद्योग का एक महत्वपूर्ण केन्द्र हुआ करता था।
- और, अधिकांश व्यापार वस्तु-विनिमय के जरिए होता था।
- संगमकाल में रोम के साथ व्यापार उन्नत अवस्था में था।
- संगमकाल में पश्चिमी देशों को सूती वस्त्र, रेशम, मोती, मसाला, काली मिर्च और हाथीदांत आदि का निर्यात किया जाता था।
- जवकि, पुखराज, तांबा, शराब, सिक्के, टीन, छपे हुए वस्त्र और शीशा आदि वस्तुओं को आयात किया जाता था।
- और, पुहार शहर विदेशी व्यापार का एक महत्त्वपूर्ण स्थान था।
- पुहार तमिलनाडु का एक कस्बा है।
- इसे कावेरी पत्तनम के नाम से भी जाना जाता है।
- तथा, इसकी स्थापना चोल शासको ने की थी।
- पुहार शहर इसलिए महत्त्वपूर्ण था,
- क्यूंकि कीमती सामान वाले बड़े जहाज़ इस क्षेत्र के बंदरगाह में प्रवेश करते थे।
- संगम काल में ग्रीको का दक्षिण भारत के साथ व्यापार संबंध काफी अच्छे थे।
- इसके अतिरिक्त, ग्रीक भाषा में चावल, अदरक आदि जैसे शब्द को तमिल भाषा से लिए गए थे।
- इसी अवधि में कृषि, पशुपालन तथा शिकार जैसे जीविका मुख्य थे।
- और, इसी समयकाल में कृषि का विस्तार ऋषि अगस्त्य द्वारा किया गया था।
- तथा, संगमकाल में जहाजों का निर्माण तथा कताई-बुनाई जैसे महत्वपूर्ण उद्योग थे।
Political Situation of the Sangam period/age
- Sangam period में समस्त अधिकार राजा में अंतर्निहित होता था।
- और, राजा के जन्मदिन के अवसर को ‘पेरूनल’ कहा जाता था।
- तथा, संगमकाल में कारवेन, मन्नम और वन्दन जैसे उपाधियाँ राजा एवं देवता को दी गई है।
- संगमकाल में राजा का जो दरबार होता था, उसे ‘नलबै’ कहा जाता था।
- तथा, राजा के न्याय और राजनैतिक कार्यकलाप के लिए सर्वोच्च न्यायालय और राज्यसभा को ‘मनरम’ कहते थे।
- और, साम्राज्य में राजा के सेना कि जो अग्र टुकड़ी होती थी, उसे ‘तुशी’ कहा जाता था।
- तथा, सेना की पिछली टुकड़ी को ‘कुले’ कहा जाता था।
- इसके इलावा, लड़ाई में मारे गए सैनिकों की याद में जो पाषाण मूर्तियाँ बनाई जातीं थीं।
- उसे ‘नड्डूकल’ या वीरक्कल कहा जाता था।
- और, युद्ध में मारे गए सैनिकों की बन्दी स्त्रियों को दासी बनाकर उनसे मंदिरों में दीपक जलाने का कार्य भी करवाया जाता था।
‘’ Education System of Sangam period/age’’
शिक्षा प्रणाली
- Sangam period के समय समाज में शिक्षा का प्रचलन प्रबल था।
- शिक्षा को महर्तपूर्ण माना जाता था।
- यह अवधि काल शिक्षा और साहित्य का समागम था।
- जहा पे शिक्षक को ‘कणकट्टम’ कहा जाता था।
- और, शिक्षा पाने वाले को ‘पिल्लै’ कहा जाता था।
- तथा, कला, विज्ञान, गणित, व्याकरण, चित्रकला, ज्योतिष, और मूर्तिकला जैसे विषयो पर समुचित ज्ञान प्रदान किया जाता था।
- और, तमिल कवियों के समागम भी इसी संगमकाल में पाया गया था।
Religious Position of Sangam period/age
- तमिल में भगवन विष्णु को ‘तिरुमल’ कहा जाता है।
- संगम साहित्य से पता चलता है कि दक्षिण भारत में आर्य सभ्यता का विस्तार ऋषि अगस्त्य द्वारा किया गया था।
- और, संगम युग में दक्षिण भारत में वैदिक धर्म का भी आगमन हुआ था।
- दक्षिण भारत में मुरुगन का उपासना सबसे प्राचीन है।
- प्राचीन में मुरगन का दूसरा नाम वेलन भी था।
- और, मुर्गा मुरगन का प्रतीक चिन्ह था।
- तथा, वेल या बरछी मुरगन का प्रमुख अस्त्र था।
- इसके इलावा उस समय में किसान भी मेरूडम इंद्र देव की पूजा किया करते थे।
दोस्तों आशा करती हु Sangam period की यह पोस्ट पड़कर आप सभी को अच्छा लगा हो। क्यों की आसान शब्द में Sangam period को समझाने का प्रयास किया गया है। दोस्तों यदि यह पोस्ट पड़कर आप सभी को पसंद आये तो कृपया इस पोस्ट को Facebook, twitter, pinterest and Instagram जैसे Social sites पर शेयर करे। और, यह पोस्ट पड़ने के लिए आपसभी का धन्यवाद।
इसके साथ Sangam period की पोस्ट से जुड़ी हुई कुछ प्रश्न और उत्तर निचे दिए गए है, इसे पड़े।
Sangam period/age UPSC question
1. तोल्काप्पियम पुस्तक के लेखक कौन थे?
a. सिलप्पदिकाराम
b. शिवगा सिंदामणी
c. मणिमेकलै
d. टोलकापीययर
Ans. d. टोलकापीययर
2. सिलप्पादिकारम पुस्तक के लेखक कौन थे?
a. इलंगो आदिगल
b. टोलकापीययर
c. तिरुत्तकृदेवास
d. सीतललाई सत्तनर
Ans. a. इलंगो आदिगल
3. मणिमेक्कलई पुस्तक के लेखक कौन थे?
a. तिरुत्तकृदेवास
b. सीतललाई सत्तनर
c. टोलकापीययर
d. इलंगो आदिगल
Ans. b. सीतललाई सत्तनर
4. शिवगा सिंदमानी पुस्तक के लेखक कौन थे?
a. टोलकापीययर
b. इलंगो आदिगल
c. तिरुत्तकृदेवास
d. सीतललाई सत्तनर
Ans. c. तिरुत्तकृदेवास
5. चेरा साम्राज्य का प्रतीक क्या था?
a. बाघ
b. धनुष
c. मछली
d. सांप
Ans. b. धनुष
6. चोल साम्राज्य का प्रतीक क्या था?
a. धनुष
b. हाथी
c. मछली
d. बाघ
Ans. d. बाघ
7. पाण्ड्य साम्राज्य का प्रतीक क्या था?
a. मछली
b. धनुष
c. बाघ
d. सांप
Ans. a. मछली
8. कदंब राजा की राजधानी थी:
a. बादामी
b. तंजौर
c. वनवासी
d. कांची
Ans. c. वनवासी
9. चेरा साम्राज्य का शासक कौन था?
a. करिकाल
b. नेंदुजेलियाँ
c. सेनगुट्टुवन
d. अगस्त
Ans. c. सेनगुट्टुवन
10. चोल साम्राज्य का शासक कौन था?
a. करिकाल
b. सेनगुट्टुवन
c. नेंदुजेलियाँ
d. इनमें से कोई नहीं
Ans. a. करिकाल
Another Important objective Question and Answer in this Post
1. पाण्ड्य साम्राज्य का शासक कौन था?
a. करिकाल
b. अगस्त
c. सेनगुट्टुवन
d. नेंदुजेलियाँ
Ans. d. नेंदुजेलियाँ
2. निम्नलिखित में से कौन Sangam period में तमिल कवियों की सभा के संरक्षक थे?
a. पाण्ड्य
b. कदम्ब
c. चोल
d. चेरा
Ans. a. पाण्ड्य
3. तीसरा संगम किस स्थान पर आयोजित किया गया था?
a. तूतीकोरिन
b. मदुरै
c. अर्रिक़्क़ामेडु
d. एर्नाकुलम
Ans. b. मदुरै
4. निम्नलिखित में से किसे ‘द लैंड ऑफ तमिल लैंड’ (The Land of Tamil Land) कहा जाता है?
a. मणिमेकलै
b. कुरल
c. शिलप्पादिकारम
d. तोलकाप्पियम
Ans. b. कुरल
5. राजनीति, नैतिकता और सामाजिक मानदंडों पर एक ग्रंथ है, ‘कुराल ’या ‘मुप्पल’ इसके लेखक कोण थे?
a. सीतललाई सत्तनर
b. टोलकापीययर
c. इलंगो आदिगल
d. तिरुवल्लुवर
Ans. d. तिरुवल्लुवर
6. पुहर का संस्थापक कौन था?
a. नेंदुजेलियाँ
b. करिकाल
c. सेनगुट्टुवन
d. इनमें से कोई नहीं
Ans. b. करिकाल