The Writs of Indian Constitution Hindi|संविधान का Writs

The Writs of Indian Constitution की यह पोस्ट में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम भारत की संविधान से सम्बंधित Writs के बारे में जानेंगे। भारत की संविधान में मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन (Enforcement) के लिए, न्यायपालिका को अधिकार जारी करने की शक्ति दी गई है। मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए इन रिटों (Writs) को जारी करने की शक्ति संविधान में अनुच्छेद 32 द्वारा सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) को दी गई है। जबकि, अनुच्छेद 226 के तहत एक उच्च न्यायालय (High Courts) मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन या किसी अन्य चोट या अवैधता के निवारण के लिए Writs जारी कर सकता है।

तथा, सर्वोच्च न्यायालय भारत के क्षेत्र के भीतर किसी भी व्यक्ति या सरकार के खिलाफ एक Writs जारी कर सकता है। लेकिन, उच्च न्यायालय में किसी भी व्यक्ति, सरकार या अन्य प्राधिकरण के खिलाफ Writs जारी करना केवल तभी सम्वभ है, जब वे उच्च न्यायालय के क्षेत्रीय अधिकार के क्षेत्र में स्थित हों।

Indian Constitution में पांच तरह के Writs के बारे में उल्लेख किया गया है। Habeas Corpus, Mandamus, Certiorari, Prohibition और Quo-Warranto

Habeas Corpus The Writs of Indian Constitution

  • Habeas Corpus एक शक्तिशाली और उपयोग किया जाने वाला Writs है।
  • अगर, कोई व्यक्ति / Individual को राज्य के प्रशासन illegal घोषित करता है।
  • तो, उस व्यक्ति की family, मित्र या वे इंसान खुद इस Habeas Corpus Writs का इस्तेमाल कर सकता है, रिहाई के लिए।
  • इस Writs का इस्तेमाल करते ही, उस व्यक्ति / Individual ने जिस Court पर याचिका लगाया है।
  • तव, उसी Court राज्य के प्रशासन से जानकारी मांगता है।
  • किस illegal के आधार पर व्यक्ति / Individual को बंधी वनाया गया है।
  • अगर, लगाए गए आरोप Court के पास Unreasonable लगता है, तो,
  • तव, उस व्यक्ति / Individual को रिहाई कर दिया जाता है।  

इन्हे पड़े – The Preamble of the Indian Constitution

लकिन कुछ स्थिति में Habeas Corpus Writs को Used नही किया जा सकता जैसे की,

  • अदालत की अवमानना, (Contempt of Court)
  • निरोध न्यायालय की अवमानना ​​है, (Detention is by a Contempt of Court)
  • और, निरोध न्यायालय के क्षेत्राधिकार से बाहर है, (Detention is Outside the Jurisdiction of the Court)

Mandamus Writs

  • इस Writs में अगर किसी भी Public Official आपने Duty को सही तरीके से न करे।
  • तव, Mandamus Writs का Used किया जाता है।
The Writs of Indian Constitution
The Writs of Indian Constitution

Certiorari Writs

  • इस Writs में Supreme Court या High Court आदेश कर सकता है, Lower Court को,
  • किसी भी Case को review करने के लिए।
  • Review में देखा जाता है, की Lower Court की Judgment सही है या नही।
  • अगर, Judgment में illegal पाया जाता है।
  • तो, Certiorari Writs जारी करके Case को बातिल कर दिया जाता है।

 Prohibition Writs

  • इस Writs में Lower Court Judgment देने से पहले ही, अगर, Judgment को रोक दिया जाये, तो
  • ऐसी स्थिति में तव Prohibition Writs का इस्तेमाल किया जाता है।
Quo-Warranto The Writs of Indian Constitution
  • इस Writs में अगर कोई Public Officer किसी भी Public Office को ग्रहण करता है।
  • तो, Court, Public Officer से Office की जानकारी मांगता है।
  • किस औपचारिक आधार के ऊपर Office को ग्रहण किया गया है।
  • इन में अगर Office की पुस्टीकरण में कोई fault पाया जाता है।
  • तो, Quo Warranto Writs का इस्तेमाल किया जाता है।      

दोस्तों उम्मीद करता हूँ The Writs of Indian Constitution की यह पोस्ट पड़कर आपसभी को पसंद आया हो। क्यों की इस पोस्ट में सभी प्रकार के Writs के बारे में वर्णन किया गया है। यदि यह पोस्ट आपसभी अच्छा लगा है तो कृपया इन पोस्ट को Social Media जैसे Facebook, twitter, pinterest और Instagram पर share करे। और, यह पोस्ट पड़ने के लिए आपसभी का धन्यवाद। इसके साथ, सूचना का अधिकार (Right to Information) 2005 के बारे में निम्न में वर्णन किया गया है। इसे पड़े

Every citizen of India has been given the Right to Information

  • सूचना का अधिकार (Right To Information) अधिनियम, 2005 के तहत भारत के प्रत्येक नागरिक को सूचना का अधिकार प्रदान किया गया है।
  • Right To Information Act को 12 अक्टूबर 2005 में लागू किया गया है।
  • तथा, Right To Information मौलिक अधिकार नहीं है।
  • लेकिन यह आवेदक को सूचना देने में देरी के मामले में दंड के लिए एक खंड का पालन करता है।
  • और, सूचना आयोग अधिनियम के परिपालन की निगरानी के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर पर set-up किये जाते है।

इसके साथ The Writs of Indian Constitutionपोस्ट से जुड़ी कुछ प्रश्न और उत्तर निम्न में दिए गए है, इसे देखे

Objective Type Question and Answer The Writs of Indian Constitution

1. मौलिक अधिकार के प्रवर्तन के लिए Writs किसके द्वारा जारी की जाती हैं?
a. सर्वोच्च न्यायलय
b. संसद
c. राष्ट्रपति
d. उपराष्ट्रपति
Ans. a. सर्वोच्च न्यायलय

2. Indian Constitution में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा The Writs को जारी करने की शक्ति किस अनुच्छेद में दी गई है?
a. अनुच्छेद 25
b. अनुच्छेद 32
c. अनुच्छेद 34
d. अनुच्छेद 226
Ans. b. अनुच्छेद 32

3. मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए निम्नलिखित में से कौन सा ”न्यायालय” जारी कर सकता है, एक अधिसूचना?
a. एक फरमान
b. Writs
c. एक अध्यादेश
d. एक अधिसूचना

Ans. b. Writs

4. निम्नलिखित में से किस The Writs का इस्तेमाल किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ किया जा सकता है,

जिसके बारे में माना जाता है कि वह सार्वजनिक पद पर आसीन है, जिसके वह हकदार नहीं है?
a. बन्दी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)
b. क्वो वारंटो
c. certiorari
d. परमादेश
Ans. b. क्वो वारंटो

5. व्यक्तिगत स्वतंत्रता की ज़मानता के लिए निम्नलिखित में से कौन सा Writs को जारी किया जाता है?
a. certiorari
b. क्वो वारंटो
c. परमादेश (Mandamus)
d. बन्दी प्रत्यक्षीकरण
Ans. d. बन्दी प्रत्यक्षीकरण

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